Cyber Crime:- साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है “ड्रग्स इन कोरियर”

Cyber Crime:- कोरियर या पार्सल में ड्रग्स के नाम पर ठगी ( Drugs in Parcel Scam)

साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है “ड्रग्स इन कोरियर”। जी हां पार्सल या कोरियर में ड्रग्स होने के नाम पर गिरोह ठगी को अंजाम देने में किस तरह से जुटा हुआ है इसको लेकर भारत सरकार ने आम लोगों को आगाह किया है। ठगी का नया तरीका एक कॉल से खौफ और झटके भर में लाखों की चपत।

फरीदाबाद के सुदीप और शालिनी मंगला की बेटी भी इसी ठगी का शिकार हो गई। साइबर ठगने कॉल करके डराया की कोरियर में गलत कागजात है, फिर क्या समझौते के नाम पर ढाई लाख की रकम चली गई।

सुदीप जी ने पूरी घटना को बताया कि उनकी बेटी के पास फोन आया कि हम लखनऊ थाने से बोल रहे हैं। एक कोरियर आपका नाम से कंबोडिया जाता है। जिसके अंदर बहुत सारे पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड है, जो इल्लीगल है और कुछ उसके साथ बेक स्टोरी भी सुनाई की कोई एचडीएफसी का बंदा है, जिसको हमने पकड़ा है। उसने आपका नाम लिया है और बहुत सारे स्टूडेंट्स है, जिनको आप इलीगल तरीके से भेजते हो। उन्होंने आपका नाम दिया है कि आपने उनको भेजा है और आपका आधार कार्ड भी कोरियर के साथ लिंक है। आप कल लखनऊ थाने में आ जाइए और अपना पक्ष रखिए।

 

कैसे होती हैं साइबर ठगी?

साइबर ठगी के इस नए मॉडल में ठगी का पैटर्न लगभग एक जैसा होता है। अनजाने नंबर से कॉल करके कहा जाता है कि आपका नाम से बुक पार्सल में ड्रग्स है। कस्टम विभाग ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। पार्सल में कई पासपोर्ट, कपड़ों के साथ ही ड्रग्स की बात बताई जाती है। पीड़ित कुछ सोच पाए इससे पहले ही क्राइम ब्रांच, ED, CBI, NCB जैसी संस्थाओं का जिक्र करके और किसी शख्स को अफसर बताकर उससे बात करवाई जाती है। मानसिक दबाव बनाने का सिलसिला यहीं नहीं थमता, पीड़ित के आधार कार्ड का जिक्र करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने की बात भी कहीं जा सकती है। ‌ साथ ही कहीं पासपोर्ट का डर भी दिखाकर गलत तरीके से लोगों को विदेश भेजने की बात कही जाती है। और फिर मामले को रफादा करने के नाम पर पैसे बैठने का सिलसिला शुरू हो जाता है।

लोग किस तरह साइबर ठगी से सावधान रहे इसके लिए भारत सरकार ने लोगों को आगाह भी किया है-: 

• यदि करियर में ड्रग्स जैसे कॉल आए तो उस कॉल से सावधान रहे।

• ठग पुलिस अफसर बनकर, धमकाकर वसूल कर सकते हैं और अकाउंट की जानकारी भी ले सकते हैं।

• ऐसा कोई कॉल आए तो तुरंत इसकी रिपोर्ट sancharasathi.gov.in पर जाकर चक्षु फैसिलिटी पर करें।

• ठगी के शिकार पीड़ित व्यक्ति 1930 पर कॉल करें या फिर cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।

• यदि कोई भी जानकारी आपके सामने आए चाहे वह ऑडियो हो, वीडियो हो, इमेज हो, टेक्स्ट हो आप उस पर तबतक विश्वास ना करें जब तक आप इंडिपेंडेंस तौर पर इसकी पुष्टि ना कर लें।

• अपने रोजमर्रा के जीवन में आप साइबर सुरक्षा को जीवन जीने की शैली के स्वरूप में अडॉप्ट करें।

• कोशिश करें कि आपकी जो पर्सनल डिटेल है केवल नीड टू नो बेसिस पर ही शेयर करें। साथ ही लोगों के साथ अपने व्यक्तिगत डेटा को साझा करना अच्छा नहीं है।

जागरूक रहे ,सतर्क रहे, सावधान रहे !!

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